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मौसम के सर्द मिजाज से इस बार फिर अन्न का कटोरा भरेगा सिरसा

24.25 लाख हैक्टेयर में गेहूं व 6.50 लाख हैक्टेयर में है सरसों की फसल

Haryana news:  मौसम का सर्द मिजाज गेहूं एवं सरसों की फसल के लिए फायदेमद है तो सुबह और शाम के समय चलने वाली शीतलहर ने लोगों की दिनचर्या बदल दी है। सिरसा में रविवार को अधिकतम तापमान 22 डिग्री जकि न्यूनतम तापमान 9 डिग्री दर्ज किया गया। शनिवार एवं रविवार को दिन के समय सूर्यदेव के दर्शन हुए, लेकिन अभी भी सुबह और शाम के समय कोहरा छाने और शीतलहर का सिलसिला जारी है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और पूर्वी राजस्थान और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर शीत लहर से लेकर गंभीर शीत लहर की स्थिति हो सकती है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सिरसा में इस बार बंपर गेहूं की पैदावार हो सकती है। मौसम का मिजाज फसल के अनुकूल रहने के चलते इस बार औसत उपज भी काफी अच्छी रह सकती है। सिरसा प्रदेश का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक जिला है। प्रदेश के कुल गेहूं उत्पादन का 12.48 प्रतिशत सिरसा में पैदा होता है। प्रति हैक्टेयर औसत 4639 किलोग्राम उपज के साथ सिरसा राज्य में पहले स्थान पर है।

दरअसल पिछले करीब एक सप्ताह से शीतलहर का सिलसिला जारी है। भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ के अनुसार सिरसा में आने वाले तीन दिनों तक कोहरा छाया रह सकता है। 18 जनवरी के बाद तापमान में बदलाव आने के बाद ठंड से थोड़ी राहत मिल सकती है। कोहरा एवं सर्द मौसम फसलों के लिए काफी फायदेमंद माना जा रहा है। किसानों का कहना है कि इससे गेहूं का दाना उचित आकार में रहेगा।

इस बार सिरसा जिला में 2.80 लाख हैक्टेयर में गेहूं, 2210 हैक्टेयर में चना, 2688 हैक्टेयर में जौं, 155 हैक्टेयर में दलहन, 85200 हैक्टेयर में सरसों, 20 हैक्टेयर में तारमीरा, 3850 हैक्टेयर में बरसीम, 1350 हैक्टेयर में जई की फसल है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान हर रोज बदल रहा है। शनिवार सुबह तक घना कोहरा छाया रहा। उसके बाद धूप निकलने पर लोगों को राहत मिली, लेकिन शाम को चली शीत लहर के चलते दोबारा से ठंड बढ़ गई।

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